Khadya Suraksha Form In Hindi: राजस्थान खाद्य सुरक्षा में नाम कैसे जुड़वाय, NFSA Food Department Of Rjasthan , खाद्य सुरक्षा फोर्म , खाद्य सुरक्षा ऑनलाइन आवेदन पत्र |
खाद्य सुरक्षा (NFSA) चालू कैसे करवाय?
अगर आपका राशन कार्ड बना है पर आपको राशन नहीं मिलता तो आप किस तरह अपना NFSA यानी खाद्य सुरक्षा चालू करवा सकते है आपको बता दे की भारत देश में 2013 में राष्ट्रिय खाद्द सुरक्षा कानून लागु किया गया | यह योजना भूख से लड़ाई के मामले में विश्व का सबसे बड़ा 7कार्यक्रम बना जो 67% जनसंख्या यानी 82 करोड़ लोगों को लाभ मिलता है इसके तहत देश की 75% ग्रामीण व 50% शहरी जनसँख्या को लाभ मिलता है NFSA अंतर्गत 5 किलो गेहू प्रति व्यक्ति 2रु किलो के हिसाब से दी जाती है
जो प्रति माह मिलती है इसके अलावा जो अंत्योदय परिवार है उन परिवारों को 35किलो परिवार के हिसाब से राशन मिलता है इसके अलावा कई राज्यों में BPL परिवारों को 1रु प्रति किलो के हिसाब से गेहू मिलता है जो राज्य सरकार वहां के निगारीको को उपलब्ध कराती है में NFSA यानी खाद्य सुरक्षा से जुड़ने के लिए पात्र परिवारों की सूचि त्यार की गई है जिसमे इस श्रेणी में आने वाले परिवार खाद्य सुरक्षा से जुड़ सकते है
NFSA खादय सुरक्षा क्या है?
देश 2013 में एक कानून लागु किया गया जिसका नाम नेशनल फ़ूड सिक्यूरिटी अधिनियम (National Food Security Act.)है इस कानून को इस लिए लागु किया गया था गरीब लोगो को कम पैसे में खादय पदार्थ मिल सके जैसे गेहू चावल दाल आदि सरकारी राशन |
इसके अलावा जो लोग अमीर है जिनकी वार्षिक आय अधिक है वो लोग इस सरकारी राशन का लाभ न ले सके NFSA को इस लिय लागु किया गया ताकि गरीब लोग तक फ्री राशन कि सुविधा पहुचे और गरीबो को अधिक लाभ सके इसके लिए इस योजना को शुरू किया गया इसके साथ देश में राशन को डिजिटल कर दिया गया जिससे सर्कार कि और से मिलने वाले राशन में कोई धांधली नहीं कि जा सकती है
NFSA Addhar System:
भारत सर्कार ने NFSA खादय सुरक्षा को शुरू किया है जिसके साथ एक देश एक राशन कार्ड योजना भी शुरू कि है इस योजना के तहत देश के किसी भी राज्य का नागरिक किसी भी राज्य हर महीने मिलने राशन को प्राप्त कर सकता है इसे बोलते है एक देश एक राशन कार्ड उदहारण के तोर पर आप बिहार राज्य के नागरिक है और आप आपके पास बिहार का राशन कार्ड है और आप राजस्थान में काम करने आते है
तो आप अपने राशन से राशन में किसी भी सरकारी दुकान से राशन प्राप्त कर सकते है यानी आपका आधार कार्ड आपके राशन कार्ड से जुड़ा होगा जिसके बाद आपके राज्य सिस्टम में फीड हो जाता है कि आपने कहा से राशन प्राप्त किया है ये सिस्टम सबसे पहले राजस्थान सरकारं ने 2016 में पूर्ण रूप से शुरू कर दिया था
जहा आपको फिंगर के माध्यम से ही राशन मिलना शुरू हुआ था राजस्थान में किसी भी जिले का नागरिक किसी भी जिले कि राशन दुकान से राशन प्राप्त कर सकता है इसके लिए राशन कार्ड के साथ आधार सीडिंग करवाना अनिवार्य होता है अगर आपने अभी तक अपने राशन कार्ड के साथ आधार सीडिंग नहीं करवाई है तो आपको अपने नजदीकी CSC center या ग्राम पंचायत के माध्यम से आधार सीडिंग करवानी चाहिय जिससे आपका राशन कार्ड डिजिटल हो जाता है
खाद्य सुरक्षा आवेदन के साथ लगने वाले दस्तावेज:
राजस्थान खाद्य सुरक्षा के लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा और उस फॉर्म पर पटवारी ग्रामसेवक क रिपोर्ट करवानी होती है उसके बाद उस फॉर्म को नजदीकी E mitra पर ऑनलाइन करवाना होता है जिसके साथ , आवेदक का राशन कार्ड,आधार कार्ड , भामाशाह कार्ड , 2011 की BPL सर्वे सूचि ( लागु हो तो ) अगर हो तो जॉब कार्ड ,श्रमिक कार्ड, पेंशन PPO , विधवा आदि दस्तावेज जो भी लागु हो इतने दस्तावेज के साथ फॉर्म को ऑनलाइन करवाना होता है|
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस):
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) सस्ती कीमतों पर खाद्यान्न के वितरण के माध्यम से कमी के प्रबंधन की प्रणाली के रूप में विकसित हुई। इन वर्षों में, पीडीएस देश में खाद्य अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिए सरकार की नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। पीडीएस प्रकृति का पूरक है और इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की कमोडिटी को घर या समाज के किसी तबके को वितरित करना नहीं है।
पीडीएस केंद्र और राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकारों की संयुक्त जिम्मेदारी के तहत संचालित होता है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) के माध्यम से केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को खाद्यान्न की खरीद, भंडारण, परिवहन और थोक आवंटन की जिम्मेदारी दी है। राज्य के भीतर आवंटन, पात्र परिवारों की पहचान, राशन कार्ड जारी करना और उचित मूल्य की दुकानों (FPSs) के कामकाज की निगरानी सहित संचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकारों के साथ बाकी है।
पीडीएस के तहत, वर्तमान में वितरण के लिए राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों को गेहूं, चावल, चीनी और मिट्टी के तेल का आवंटन किया जाता है। कुछ राज्य / संघ शासित प्रदेश पीडीएस आउटलेट्स जैसे दालों, खाद्य तेलों, आयोडीन युक्त नमक, मसालों आदि के माध्यम से बड़े पैमाने पर उपभोग की अतिरिक्त वस्तुओं को वितरित करते हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, (NFSA) 2013:
विश्व स्तर पर खाद्य सुरक्षा की मूल अवधारणा यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोग, हर समय, अपने सक्रिय और स्वस्थ जीवन के लिए बुनियादी भोजन तक पहुँच प्राप्त करें और भोजन की उपलब्धता, पहुँच, उपयोग और स्थिरता की विशेषता है। हालांकि भारतीय संविधान में भोजन के अधिकार के बारे में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित जीवन के मौलिक अधिकार को मानव गरिमा के साथ जीने के अधिकार को शामिल करने के लिए व्याख्या की जा सकती है,
जिसमें भोजन और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं का अधिकार शामिल हो सकता है। ।
Responsibilities Under NFSA:
एनएफएसए केंद्र और राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकार की संयुक्त जिम्मेदारी को परिभाषित करता है। जबकि केंद्र राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को आवश्यक खाद्यान्नों के आवंटन के लिए जिम्मेदार है, प्रत्येक राज्य / केंद्रशासित प्रदेश में नामित डिपो तक खाद्यान्न का परिवहन और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को एफसीआई के दरवाजे के लिए नामित एफसीआई गोदामों से खाद्यान्न वितरण के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान करना, राज्य / संघ राज्य क्षेत्र अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं,
जिसमें अंतर-आलिया में पात्र परिवारों की पहचान, उन्हें राशन कार्ड जारी करना, उचित मूल्य की दुकानों (FPS) के माध्यम से पात्र परिवारों को खाद्यान्न पात्रता का वितरण, उचित मूल्य के लिए लाइसेंस जारी करना शामिल है। दुकानदारों और उनकी निगरानी, प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना और लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) को आवश्यक रूप से मजबूत करना।