Mega Food Park सम्पूर्ण जानकारी, विशेषताएं और उद्देश्य

Mega Food Park सम्पूर्ण जानकारी, विशेषताएं और उद्देश्य

हरित क्रांति के बाद भारत में हर प्रकार से कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिली है, और इसी वजह से भण्डारण और प्रसंस्करण की जरूरत को समझते हुए मेगा फूड पार्क योजना को शुरू किया गया हैं।

हमारा देश खेती प्रधान देश है यहाँ लगभग आधे से ज्यादा आबादी कृषि कार्यो से ही अपना जीवन निर्वाह करती है। ऐसे में अगर फसलों का उचित दाम न मिले तो आर्थिक जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा, इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा Mega Food Park Scheme शुरू की गई है।

इसी मेगा फ़ूड पार्को में किसानो द्वारा उगाई गई फसल को भंडार करके रखा जाता है और इसे बाज़ार तक भी लेजाया जाता है। इसके फलस्वरूप सभी किसानो को उनकी फसल का सही और उचित मूल्य मिलता है।

मेगा फूड पार्क योजना 2022

किसानों की फसलों का सही रख-रखाव करके उन्हें उचित दाम उपलब्ध कराने के प्रयोजन से सन 2008 में केंद्र सरकार द्वारा भारत में मेगा फूड पार्क योजना को शुरू किया गया था।

तब मंत्रालय द्वारा पुरे देश भर में 42 फूड पार्क शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, और वर्तमान समय में अभी केवल 22 मेगा फ़ूड पार्को का संचालन किया जा रहा है।

इसके साथ ही केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा यह जानकारी सांझा की गई है कि अब देश में 38 मेगा फ़ूड पार्कों मंजूरी दे दी गई है | Mega Food Park Scheme के तहत बहुत जल्द ही इन पार्कों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

एक मेगा फ़ूड पार्क बहुत ही बड़ा प्लांट होता है, जो लगभग 20 से लेकर 50 एकड़ तक फैला हुआ होता है। इतनी बड़ी जगह होने के कारन सरकार को एक प्लांट बनाने के लिए हमेशा दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि यातायात के साधनों के लिए पास में रेल, एयरपोर्ट, राष्ट्रिय मार्गो का होना आवश्यक होता है। मेगा फूड पार्क योजना 2022 के तहत बनने वाले प्लांटों में फसल फल एवं सब्जियों के भंडारण की हर प्रकार से व्यवस्था होती है।

Overview of Mega Food Park Scheme

योजना का नाम मेगा फूड पार्क योजना
आरम्भ की गई केंद्र सरकार द्वारा
वर्ष 2022 में
लाभार्थी देश के सभी किसान
आवेदन की प्रक्रिया जल्द अपडेट की जाएगी
उद्देश्य कृषि उत्पादन का भण्डारण और प्रसंस्करण
लाभ फसलों का सही रखरखाव और उचित मूल्य
श्रेणी केंद्र सरकारी योजनाएं

मेगा फूड पार्क योजना 2022 से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ 

केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गयी Mega Food Park Scheme के अंतर्गत मेगा फूड पार्क स्थापित करने हेतु सरकार को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत सरकार द्वारा सामना किये जाने वाले विभिन्न चुनौतियों में से कुछ चुनौतियाँ निम्न प्रकार से है:-

  • सरकार को मेगा फूड पार्क स्थापित करने हेतु 20 एकड़ से लेकर 50 एकड़ तक की भूमि की आवश्यकता पड़ती है, जो एक अच्छे स्थान पर मिलना कठिन होता है।
  • फूड पार्क के आस-पास विभिन्न यातायात के साधन, जैसे:- राष्ट्रिय राजमार्ग, रेल एवं हवाई अड्डे की सुविधा उपस्थित होनी चाहिए, परन्तु ऐसे स्थान की खोज आसान नहीं होती है।
  • वर्तमान समय में भी देश के किसान अपने उत्पादनों की बिक्री हेतु फूड पार्कों के स्थान पर अनाज मंडियों एवं सहकारी समितियों को वरीयता प्रदान करते है।
  • इसके कारण सरकार द्वारा कृषि उत्पादनों को मेगा फूड पार्क की ओर आकर्षित करना एवं इनका एकीकरण करना एक चुनौती की भाँति ही है।
  • केंद्र सरकार का लक्ष्य मेगा फूड पार्क योजना के अंतर्गत वैश्विक स्तर की कंपनियों को शामिल करके, उनसे निवेश करवाना था परंतु यह थोड़ी कम कामगार साबित हुई।

 

Mega Food Park Scheme के कार्य करने का तरीका 

मेगा फूड पार्क योजना 2022 का शुभारंभ भारत सरकार द्वारा किया गया है, जिसके कार्य करने का तरीका किसानों की सुविधा को देखते हुए बहुत ही सरल बनाया गया है।

यह योजना समावेशी विकास अर्थात किसान+उद्धोग+ग्रहायक पर आलंबित है। इस योजना के माध्यम से लाभार्थी किसान अपने कृषि उत्पादनों को सीधे तौर पर ऐसे उधोगिक इकाइयों को विक्रय कर सकते है जो नए खाद्य उत्पादनों का निर्माण करते हैं। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी Mega Food Park Scheme के तहत कृषि उत्पादों का खेत से मेगा फूड पार्क एवं फूड पार्क से बाजार तक सीधा संपर्क स्थापित किया जाता है।

इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य कृषि एवं बागवानी फसलों को लम्बे समय अवधी तक सुरक्षित रखने हेतु संग्रहण, प्राथमिक प्रसंस्करण, शीतग्रह, केंद्रीय प्रसंस्करण आदि सुविधा उपलब्ध करवाना है। इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से किसानों एवं देश की कृषि अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने हेतु उचित बाजार सुविधा उपलब्ध किया जाता है।

एक मेगा फूड पार्क को विकसित करने में आने वाली लागत

मेगा फूड पार्क योजना के अंतर्गत एक मेगा फूड पार्क को विकसित करने हेतु केंद्र सरकार द्वारा 50 करोड़ रुपये तक का बजट आवंटित किया जाता है, जो विभिन्न कंपनीयों के निवेश के साथ 250 करोड़ रुपये से लेकर 500 करोड़ रुपये तक हो सकता है। सरकार द्वारा एक फूड पार्क को विकसित करने हेतु 20 एकड़ से लेकर 25 एकड़ तक की ऐसी भूमि की आवश्यकता होती है, जहाँ सभी प्रकार के यातायात, जैसे:- सड़क मार्ग, रेल मार्ग एवं वायु मार्ग की सुविधा उपलब्ध हो।

मेगा फूड पार्क योजना के अंतर्गत मिलने वाले रोजगार के अवसर 

भारत सरकार द्वारा आरंभ की गयी Mega Food Park Scheme 2022 के अंतर्गत लाखों की संख्या में किसानों एवं युवा नागरिकों को रोजगार के सुअवसर प्राप्त होंगे। इस योजना के अंतर्गत एक विकसित फ़ूड पार्क के माध्यम से 25 हजार किसानों एवं 5000 नागरिकों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करने का प्रावधान है।

इसके साथ ही रोजगार की संभावना मेगा फ़ूड पार्कों के पूर्ण विकास पर निर्भर करता है। इस योजना के अंतर्गत इच्छुक उम्मीदवार रोजगार प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते है।

उम्मीदवारों को ऑनलाइन आवेदन करने हेतु फ़ूड पार्क की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन करना होगा एवं ऑफलाइन आवेदन करने हेतु उम्मीदवारों को अपने नजदीकी फ़ूड पार्कों में जा कर अपनी योग्यतानुसार आवेदन करना होगा।

मेगा फूड पार्क योजना 2022 का उद्देश्य

किसानों की फसल के सही रखरखाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा Mega Food Park Scheme के अंतर्गत मेगा फ़ूड पार्क तैयार किए जाते है। जिनका एक मात्र उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य प्रदान करना है, और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी फसल को किसी प्रकार की हानि न हो पाएं।

इसके साथ ही मेगा फूड पार्क योजना 2022 के तहत ये सुनिश्चित किया जाता है कि किसानों की फसलें सही सलामत बजारों तक पहुंचे और उनकी आय में बढ़ोतरी हो सकें। इसके इलावा मेगा फूड पार्क के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रो में रोजगार के नए-नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।

केंद्र सरकार हर तरह से यह प्रयास करती रहती है कि मेगा फूड पार्को में उत्पाद भंडारण की व्यवस्था हर तरह से अच्छी रखी जाए तांकि उनकी प्रोसेसिंग कर की कीमतों में बढ़ोतरी होने से किसानों को ज्यादा लाभ हासिल हो सकें।

भारत में मौजूद मेगा फ़ूड पार्क 

  • स्रीनी मेगा फूड पार्क, चित्तूर, आंध्र प्रदेश राज्य में।
  • नार्थ इस्ट मेगा फूड पार्क, नलबाड़ी, असम राज्य में।
  • इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क, रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य में।
  • क्रेमिका मेगा फूड पार्क, ऊना, हिमाचल प्रदेश।
  • इंटिग्रेटेड मेगा फूड पार्क, तुमकुर, कर्नाटक राज्य में।
  • इंडस मेगा फूड पार्क, खरगौन, मध्य प्रदेश राज्य में।
  • अवंती मेगा फूड पार्क, देवास, मध्य प्रदेश राज्य में।
  • पैथन मेगा फूड पार्क, औरंगाबाद, महाराष्ट्र।
  • सतारा मेगा फूड पार्क, सतारा, महाराष्ट्र राज्य में।
  • ज़ोरम मेगा फ़ूड पार्क, कोलासिब, मिज़ोरम राज्य में।
  • एमआईटीएस मेगा फूड पार्क, रायगढ़, ओडिशा राज्य में।
  • इंटरनेशनल मेगा फूड पार्क, फज्जिलका, पंजाब।
  • सुखजीत मेगा फूड पार्क, कपूरथला, पंजाब।
  • ग्रीनेटक मेगा फूड पार्क, अजमेर, राजस्थान राज्य में।
  • त्रिपुरा मेगा फूड पार्क, पश्चिम त्रिपुरा, त्रिपुरा राज्य में।
  • स्मार्ट एग्रो मेगा फूड पार्क, निजामाबाद, तेलंगाना राज्य में।
  • पतंजली फूड एंड हर्बल पार्क, हरिद्वार, उत्तराखंड राज्य में।
  • हिमालयन मेगा फूड पार्क, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड राज्य में।
  • जंगीपुर बंगाल मेगा फूड पार्क, मुर्शीदाबाद, पश्चिम बंगाल राज्य में।
  • गोदवारी मेगा एक्वा पार्क, पश्चिम गोदावरी, आंध्र प्रदेश राज्य में।
  • केरल औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम मेगा फूड पार्क, पलक्कड़, केरल राज्य में।

Mega Food Park Scheme के लाभ एवं विशेषताएं 

  • किसानों की फसलों के उत्पादन और भंडारण को सुनिश्चत करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा Mega Food Park Scheme 2022 को शुरू किया गया है।
  • फसल के उत्पादन के बाद किसानों के सामने यह दिक्कत रहती थी कि वह इसका भंडारण कहाँ करे ? इसी का हल निकालने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मेगा फूड पार्को का निर्माण किया गया है।
  • इन फ़ूड पार्कों की मदद से किसान अपनी फसलों को अधिक समय तक सुरक्षित रख सकेंगे, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा हो पाएगा |
  • बहुत ज्यादा उत्पादित हुई फल और सब्जियां बहुत जल्दी ही सड़ने की कगार पर आ जाती है, ऐसे में उनका भंडारण करना और भी आवश्यक हो जाता है, इसीलिए फ़ूड पार्क एक अच्छा विकल्प साबित हो रहा है।
  • केंद्र सरकार द्वारा इन मेगा फ़ूड पार्कों में किसान द्वारा उत्पादित फसलों का भंडारण करने की काफी अच्छी व्यवस्था की होती है |
  • मेगा फूड पार्क योजना 2022 के तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसानों की फसलें सही सलामत बजारों तक पहुंचे जिससे उनकी आर्थिक आय में भी बढ़ोतरी हो सकें।